मकस कहानिका हिंदी पत्रिका की पूर्व राज्य सलाहकार कीर्ति तिवारी के जन्मदिन पर मध्यप्रदेश अध्याय में कवि सम्मेलन संपन्न


           मकस कहानिका मध्य प्रदेश अध्याय दिनांक २७.१२.२०२२ कोश्रद्धेय श्याम कुँवर भारती जी के कुशल मार्गदर्शन तथा रजनी कटारे जी एवं रजनी प्रभा जी के संयोजन एवं जे के मिश्रा  दुबई से  अपने सार्थक स्नेहिल उद्बोधन  में जन्मदिन दिन ढेर सारी बधाइयां सह जानकारियाँ प्रदान कर कार्यक्रम को श्रेष्ठतम् शिखर तक पहुँचाने में अपनी उत्कृष्ट भूमिका निर्वहन का परिचय दिया है । 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामनिवास तिवारी तथा सभाध्यक्ष श्याम कुँवर भारती  थे मुख्य अतिथि, विशेष्ठ अतिथि ने ढेर सारी शुभकामनाएं दी और साथ ही सभा अध्यक्ष ने बताया कहानिका 6 महीनों में पहले स्थान पर पहुंच गई  है और सागर के मोती  लघु कथा सांझा संकलन के साथ श्याम कुंवर भारती की लिखी पुस्तके  कहानी "जूही की महेक़"," धरती पुत्र महामानव", "आत्मा की शांति" और "मैं किसान का बेटा हूं"पुस्तक  का भी विमोचन अयोध्या में होगा और अयोध्या में ही 21 जनवरी 2023 में कवि सम्मलेन और 30 जनवरी को इंदौर में सम्मेलन होगा साथ ही अब हर महीने ई पत्रीका भी प्रकाशन होगा तीन महीने पर हार्ड कॉपी में पत्रिका का प्रकाशन होगा।  श्याम कुंवर भारती की ही लिखी भोजपुरी कहानी  "घुरहू के मेहरारू मुखियाइन" पर एक भोजपुरी फिल्म निर्माण की योजना है ।जिसका निर्देशन मशहूर फिल्म निर्देशक  श्री कृष्णेंदु यादव जी करेंगे ।नायक नायिका के रूप में  अनुभवी फिल्म कलाकार भाग लेंगे । सभी गीत श्री भारती द्वारा लिखे होंगे। साथ ही सुधीर श्रीवास्तव  द्वारा प्रेरणास्पद हास्य-कविता का पठन प्रस्तुतीकरण सर्व प्रबुद्ध साहित्यकार बंधुओं व बहनों को नव ऊर्जा प्रदान करता है ।  भवानी शंकर भारती  ने साहित्य विधाओं को सर्व जनहितार्थ संप्रेषण हेतु  विशिष्ट बिन्दुओं से परिचित कराया । कार्यक्रम का संचालन आदरणीया  रेखा कापसे द्वारा अनवरत किया गया ,उनके संचालन उत्कृष्टता का जोड़ नहीं । प्रतिभा जी , शिखा गोस्वामी एवं सर्व मंचीय प्रबुद्ध कवि एवं कवयित्रियों का काव्य पाठ अतीव सराहनीय रहा ।

        कहानिका मंच द्वारा सभी साहित्यकारों  , काव्य रसिकों के लिए सदैव उत्कृष्ट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता रहा है, जिसमें सम्मिलित होकर सभी साहित्यकार अपनी अभिव्यक्ति प्रस्तुतीकरण की रसानुभूति प्राप्त करते हैं । अंत में कीर्ति तिवारी ने सबका आभार व्यक्त करते हुए सबको धन्यवाद और अपनी ज़िंदगी से जुड़े कुछ रोचक बातें भी साझा की।


प्रतिभा जैन-नमस्ते  कीर्ति  जी, आज आप अपना कौन सा जन्मदिन मना रहे हो? 


आज मै अपना 31 वां जन्मदिन मना रही हू।


शिखा-आज के दिन क्या खास करेंगे? 

सुबह सुबह सपरिवार भगवान की पूजा की, उनका आभार व्यक्त किया। और अब परिवार के साथ एक अच्छा टाइम स्पेंड करने की प्लानिंग है।


प्रतिभा- लेखन के अलावा आपको और क्या क्या करना अच्छा लगता हैं? 

 लेखन के अलावा मुझे ड्राइंग करना, गाने गाना और कुछ न कुछ नया सीखते रहना पसंद है

  


शिखा-आप अपनी एक इच्छा बताइये जो आप हमारे साथ पूरी करना चाहती है?

 मैं आप सभी अपने प्रिय जनों के साथ एक ऑफलाइन कवि सम्मेलन का कार्यक्रम अटेंड करना चाहती हूं और एक अच्छा टाइम स्पेंड करना चाहती हूं।


प्रतिभा-आपका यादगार दिन कौन सा है। 

मै जिस स्कूल मे पढाती हूँ वहाँ एक बार निरीक्षक आए थे, उन्होंने बच्चों को बताया के आपके जीवन में एक रोल मॉडल जरूर होना चाहिये।तो 9 th क्लास की एक बहन ने कहा के मेरी रोल मॉडल कीर्ति दीदी है।

  वह दिन मेरे लिए यादगार इसीलिए है कि जब कोई आपको अपने आदर्श के रूप में अपनाता है तो आपका दायित्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।


प्रतिभा-आज आप एक शिक्षक और लेखक हो क्या आप बचपन से ही शिक्षक और लेखक बनना चाहती थी? 

 पढाने का शौक तो मुझे बचपन से ही था लेकिन प्रोफेशनली कभी शिक्षक नहीं बनना चाहती थी, न ही लेखिका बनने के बारे में कभी सोचा था  लेकिन धीरे-धीरे इन दोनों चीजों की तरफ रुचि उत्पन्न हुई और आज मैं अपने इन दोनो कार्यों से बहुत प्रेम करती हूं।


शिखा गोस्वामी-आपका क्या सपना क्या है

- अपने माता पिता का नाम रोशन करते हुए एक सार्थक और प्रेरक जीवन जीना


प्रतिभा -आपका पहला साहित्य गुरु कौन है? 

 मेरे  पहले साहित्यिक गुरु लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश के शिवेंद्र मिश्रा भैया है उन्होंने ही सर्वप्रथम मुझे दोहा लिखना सिखाएं उसके पश्चात गिरीश पाठक से मुझे छंद और ग़ज़ल लेखन में मार्गदर्शन प्राप्त हुआ


शिखा गोस्वामी-अपने परिवार के बारे में कुछ बताएं? 

पिता का स्वर्गवास बहुत जल्दी हो गया था तब मै 9th मे ही थी।अभी फिलहाल ईश्वर की दया से मै भरे पूरे परिवार मे हूँ। घर में माँ, दो भैया भाभी, उनके बच्चे, हम सभी साथ रहते हैं। एक भैया मुम्बई के सबसे बड़े आयुर्वेदिक क्लिनिक में डॉक्टर है।


प्रतिभा -साहित्य के प्रति लगाव कब हुआ और आप कैसे आपने अपनी पहचान बनाई? 

 साहित्य के प्रति लगाव तो बचपन से ही था कविताएं अपनी ओर बचपन से ही आकर्षित किया करती थी  और फिर मन के भावों को शब्दों में पिरोते हुए आज आप सबके सामने हूँ।


 प्रतिभा -आपकी प्रेरणा कौन है? 


 मा तो हम सभी की प्रेरणा होती  ही है। उनके अलावा स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से बहुत प्रेरणा मिलती हैं 


शिखा गोस्वामी-.आगे क्या करने की सोच रखते हैं आप? 

ज्यादा दूर की नहीं सोचती मैं, बस जब तक सांसे है जो भी करना है उसमे अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना है।


प्रतिभा-नये रचनाकारों को क्या संदेश देना चाहेंगे आप? 

 एक रचनाकार होने के नाते आप के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है।आपकी रचनाएं हमेशा सशक्त और संदेश पूर्ण हो जो सभी को प्रेरित कर सकें और सही मार्ग दिखाता साथ ही उनका स्वस्थ मनोरंजन भी कर सकें।


प्रतिभा -आपको कविता, कहानी, शायरी, गीत में से सबसे ज्यादा लिखने में क्या अच्छा लगता है? 

 वैसे तो सभी विधाये अपनी जगह बेहतरीन हैं लेकिन गीत लिखना मुझे  ज्यादा अच्छा लगता है


शिखा गोस्वामी-आप जब लेखन के क्षेत्र में आऐ तो आपको बहुत से अनुभव प्राप्त हुए होंगे बहुत से ऐसे लोग जिन्हें आप पहले कभी नहीं जानते थे लेखन के  आने में क्या आपको ऐसे लोग मिले जो दिल के बहुत ख़ास है 

  जी हां बिल्कुल लेखन के क्षेत्र में आने के बाद ऐसे कई लोगों से मुलाकात हुई जो अब दिल के बहुत खास बन चुके हैं और आप लोग भी उनमें से एक हैं इसे साहित्य सेवा का एक उपहार कह सकती हूं।


प्रतिभा जैन-आपने जब लेखन कार्य शुरू तब क्या लिखा था पहले कहानी, कविता, गजल,? 

  मैंने छटवी कक्षा मे सबसे पहले एक कविता लिखी थी जो मेरे भैया के लिए थी


प्रतिभा जैन-आपको पहले किसका सपोर्ट मिला था लेखन कार्य शुरू करने के लिए या किसी को हराने के लिए आपने अपनी लेखन की रफ्तार को बढ़ाया? 

 किसी को हराने के लिए तो नहीं लेकिन हां लेखन का कार्य मैंने मेरे भैया से प्रेरित होकर शुरू किया मेरे भैया स्वयं एक राइटर है और वह कई सारे गाने और शायरी लिख चुके हैं।


शिखा गोस्वामी-साहित्य के क्षेत्र में बहुत से लोग टाइम पास या किसी की मेहनत चुराने को आते है आपको ऐसा कोई व्यक्ति मिला क्या? 

 ---जी हां, अब तक अपने साहित्यिक सफर में ऐसे एक दो लोगों जहां तक अपने साथ एक सफर में ऐसे दो लोगों को देखा जिन्होंने मेरी रचना पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश की लेकिन मेरे द्वारा कड़े शब्दों में विरोध करने पर वह ऐसा नहीं कर सके। ऐसे कृत्य बहुत ही निंदनीय है।


प्रतिभा जैन-आज आप कई सम्मान  जीत चुकी हैं। आपका पहला सम्मान कौन सा है और किसने दिया, कहां मिला? 

--सबसे पहला सम्मान नारी शक्ति सम्मान मुझे उत्कृष्ठ सृजन के लिए राघवेन्द्र सर ने दिया था।


शिखा गोस्वामी -आपको सबसे ज्यादा  क्या पसंद है?

=मुझे गहरा नीला रंग बहुत ज्यादा पसंद है इतना की मै हर नीली रंग की चीज देखकर फ्लैट हो जाती हूं।